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डेट म्यूचुअल फंड के निवेशकों को झटका, आयकर दाताओं को राहत, वित्त विधेयक को लोकसभा की मंजूरी

लोकसभा ने सरकार की ओर से पेश 64 संशोधनों के साथ वित्त विधेयक-2023 को मंजूरी दे दी है। अगले वित्तीय वर्ष के कर प्रावधानों को लागू करने वाला वित्त विधेयक शुक्रवार को विपक्ष के हंगामे के बीच बिना चर्चा के पारित हुआ। इसके साथ पहली अप्रैल से नए कर प्रावधानों के लागू होने का रास्ता भी साफ हो गया है।

विधेयक में डेट म्यूचुअल फंडों को मिलने वाला दीर्घावधि कैपिटल गेन टैक्स खत्म कर दिया गया है। लेकिन, यह तब लागू होगा जब म्यूचुअल फंड कंपनियां डेट की कुल संपत्ति का 35 फीसदी से कम हिस्सा इक्विटी में निवेश करेंगी। इसके बाद निवेशकों को स्लैब के अनुरूप कर देना पड़ेगा।

केंद्र ने बदलाव किया है कि इस प्रकार के म्यूचुअल फंड पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (एसटीसीजी) लगेगा। निवेशकों को झटका देने वाले इस संशोधन के बाद यह अब अन्य ब्याज आधारित निवेश के समकक्ष ही हो गया है। वहीं, आयकर की नई प्रणाली में करदाताओं को सरकार ने थोड़ी और राहत दी है। इसके अलावा, अन्य संशोधनों में रॉयल्टी पर कर की दर बढ़ाना व तकनीकी सेवाओं की फीस 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 करना शामिल है।

सात लाख से ऊपर आय पर ऐसे राहत
बजट पेश करते समय वित्त मंत्री ने कहा था कि 7 लाख तक की आयकर मुक्त होगी, मगर 7 लाख एक रुपये की आय होते ही 25,000 रुपये कर देना होगा। इसमें संशोधन किया गया है। इस संशोधन के तहत अब आयकर की राशि 7 लाख रुपये से अधिक जितनी भी आय है, उससे ज्यादा नहीं हो सकती।

दूसरे शब्दों में, 25,000 रुपये की राशि टैक्स के रूप में वसूलने के लिए करदाता की आय 7,25,000 रुपये से अधिक होनी चाहिए। इस संशोधन के बाद अब 7,27,700 रुपये की राशि पर 25,000 से अधिक टैक्स देना होगा।

जीएसटी : अपीलीय न्यायाधिकरण बनाने का रास्ता साफ : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत विवादों के निपटान के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण बनाने का रास्ता साफ हो गया। हर राज्य में इसकी पीठ होगी। प्रधान पीठ दिल्ली में होगी। अपीलीय न्यायाधिकरण नहीं होने से अभी करदाता को हाईकोर्ट जाना पड़ता है।

एसटीटी और क्रेडिट कार्ड पर अहम संशोधन

एसटीटी : सरकार ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) के जरिये कमाई पर एसटीटी 25% तक बढ़ा दिया है।
क्रेडिट कार्ड: विदेश यात्रा के लिए क्रेडिट कार्ड से भुगतान को आरबीआई के उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) के दायरे में लाया जाएगा।

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