अमृतपाल सिंह को पुलिस जल्दी गिरफ्तार कर लेगी। इसका संकेत उसकी गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक टीवी इंटरव्यू में मिल गया था। यह अंदाजा किसी को भी नहीं था कि इतनी जल्दी आरोपी की गिरफ्तारी हो जाएगी। वहीं, ऑपरेशन अमृतपाल के कामयाब होने के साथ ही केंद्र और राज्य के रिश्तों में थोड़ी मिठास आई।
केंद्रीय गृहमंत्री ने अमृतपाल केस में पंजाब सरकार की भूमिका को सराहा है। फरवरी में अजनाला थाने पर अमृतपाल समर्थकों जिस समय हमला किया था, उसी समय तय हो गया था कि अब बड़ी कार्रवाई होगी लेकिन राज्य में उसकी पकड़ को देखकर पुलिस पीछे हटती रही।
समर्थकों के जोश में भरा अमृतपाल सिंह एक के बाद एक गलतियां कर रहा था। इसी बीच उसने केंद्रीय गृहमंत्री को लेकर विवादित बयान दे डाला। इसके बाद केंद्र सरकार उसको लेकर सख्त हो गई। इसी बीच अमृतसर में जी-20 से लेकर कई प्रोग्राम प्रस्तावित थे। ऐसे में सरकार किसी भी तरह की कोई गलती नहीं करना चाहती थी। हालांकि केंद्र व पंजाब सरकार ने मिलकर ऑपरेशन अमृतपाल पर पर काम शुरू किया। गुपचुप तरीके से उस पर केस तक दर्ज कर दिए गए।
जी-20 के बहाने पंजाब में पैरामिलिट्री की 18 कंपनियां भेजी गईं। जैसे ही समागम संपन्न हुआ। उसके बाद ऑपरेशन अमृतपाल शुरू हो गया। सैकड़ों की संख्या में अमृतपाल के समर्थक पुलिस ने हिरासत में ले लिया लेकिन वह अपने साथी समेत भागने में कामयाब रहा। पुलिस 35 दिनों तक उसकी तलाश में कई राज्यों में धक्के खाती रही।
अमृतपाल पर दर्ज हैं छह केस
पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह पर छह केस दर्ज कर चुकी है। साथ ही नौ के करीब हथियार बरामद किए थे। इस मामले में कुल 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, नौ लोगों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई। साथ ही उन्हें गिरफ्तार कर असम भेज दिया है। इनमें पपलप्रीत सिंह, दलजीत सिंह कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह, भगवंत सिंह उर्फ बाजेके, हरजीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, गुरिंदर पाल सिंह और वरिंदर सिंह का नाम शामिल हैं।