नए साल से माता वैष्णो देवी दर्शन में मिलेंगी डिजिटल सुविधाएं, भैरव मंदिर में लंगर सेवा भी शुरू हुई
नई दिल्ली
नए साल से माता वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों के लिए कई नई और लग्जरी सुविधाएँ शुरू की जा रही हैं। खासकर भैरव घाटी में नव विकास का एक विस्तृत प्लान तैयार किया गया है, जिसमें भैरव मंदिर में लंगर सेवा भी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, दर्शन में समय कम करने के लिए भीड़ प्रबंधन पर काम चल रहा है। जैसे ही रोपवे शुरू होगा, इस क्षेत्र में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिसके लिए रास्ते को चौड़ा करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए सीमा सड़क संगठन का सहयोग लिया जाएगा।
डिजिटल युग में डिजिटल सुविधाएं
कटरा यात्रा के दौरान श्रद्धालु अब ऑनलाइन पंजीकरण, पूजा, आवास, चॉपर, बैटरी कार और रोपवे जैसी सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा, अब भक्तों को डिजिटल लॉकर की सुविधा भी मिल रही है, जिसमें वे अपनी ज़रूरी वस्तुएं रख सकते हैं। भवन पर स्थित तृप्ति भोजनालय में भी अब डिजिटल ऑर्डरिंग की सुविधा शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही, सभी प्रसाद दुकानों को इंटरनल नेटवर्किंग से जोड़ा जा रहा है ताकि समय और ऊर्जा की बचत हो सके और इसे अन्य परियोजनाओं में लगाया जा सके। वेबसाइट के माध्यम से श्रद्धालु किसी भी सुविधा का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
भक्तों के लिए हेल्थ एटीएम और स्वास्थ्य सुविधाएं
यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने विशेष प्रबंध किए हैं। पूरे मार्ग पर 8 औषधालय स्थापित किए गए हैं, जहाँ दिन-रात 30 लोग ड्यूटी पर रहते हैं। गंभीर मामलों के लिए, आधे घंटे के अंदर एम्बुलेंस द्वारा श्रद्धालु को भवन से कटरा पहुँचाने का प्रावधान है। इसके अलावा, कटरा और जम्मू के बीच मल्टीस्पेशल अस्पताल से अनुबंध किया गया है और ऑनलाइन परामर्श की सुविधा भी दी जा रही है। सबसे खास बात यह है कि इलाज के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है और पंजीकरण के दौरान पांच लाख का बीमा कवर भी दिया जाता है, जो गंभीर इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। श्रद्धालुओं के लिए विशेष हेल्थ एटीएम की भी व्यवस्था की गई है, जहाँ 15 प्रकार के टेस्ट किए जा सकते हैं और यदि समस्या गंभीर हो, तो विशेषज्ञ डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श भी लिया जा सकता है।
एलजी मनोज सिन्हा की तीखी नज़र
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के चेयरमैन और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोर्ड के कार्यों पर लगातार नजर रखते हैं। वे हर महीने एक बार श्री वैष्णो देवी दर्शन के लिए आते हैं और वहां चल रही परियोजनाओं का रिव्यू करते हैं। इस दौरान, वे श्रद्धालुओं से सीधे बात करते हैं और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी लेते हैं। इसके बाद, अगले महीने के एजेंडे का निर्धारण कर बोर्ड प्रबंधन को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हैं। उन्होंने पुजारियों के मंत्रोच्चारण पर विशेष ध्यान दिया है। अटका आरती में मंत्रोच्चारण को शामिल करने का विचार भी उनका ही था। श्राइन बोर्ड ने एक गुरुकुल भी स्थापित किया है, जहां छात्रों को संस्कृत और वेदों की शिक्षा दी जाती है। इस गुरुकुल पर सालाना 6 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। अब इस गुरुकुल के छात्र पुजारियों के रूप में तैनात किए जा रहे हैं, ताकि मंत्रोच्चारण की पद्धति में किसी प्रकार का समझौता न हो।