Indore News:इंदौर संभाग के विवादों से भाजपा संगठन चिंतित, इसलिए हुआ बदलाव
चुनावी साल में भारतीय जनता पार्टी को इंदौर संभाग में बदलाव करना पड़ा। प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी को हटाकर राघवेंद्र गौतम को संभागीय प्रभारी बनाया गया। इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह इंदौर संभाग हो रहे रहे विवाद है। जिन्हे हल करने में राजनीतिक इच्छाशक्ति कमी संगठन को खल रही थी। चाहे बुरहानपुर में आदिवासी परिवारों के घर तोड़ने का मामला हो या, इंदौर बावड़ी कांड, अफसर अपने हिसाब से फैसले ले रहे थे।
36 लोगों की मौत के बाद अफसरों ने बावड़ी के साथ मंदिर को भी तोड़ दिया। जब यह मुुद्दा गरमाने लगा तो मुख्यमंत्री ने फिर से मंदिर बनाने की घोषणा की। उधर बुरहानपुर में जंगल माफियाओं पर कार्रवाई के लिए अफसरों ने ४० से ज्यादा आदिवासी परिवारों के मकान तोड़ दिए। इसे अब जयस मुद्दा बना रहा है। यह विवाद संगठन के लिए परेशानी खड़ी कर रहे है। पिछले विधानसभा चुनाव में मंदसौर किसान गोलीकांड चुनावी मुद्दा बना था।
संगठन नहीं चाहता है कि चुनावी साल में मालवा-निमाड़ की घटनाएं राजनीतिक मुद्दा बने, ऐसे में उन्हें फुलटाइम प्रभारी इंदौर संभाग के लिए चाहिए था, जो ग्रामीण क्षेत्रों में भी बराबर ध्यान दे सके। भगवान दास सबनानी प्रदेश महामंत्री है और कार्यालय की जिम्मेदारी भी उन पर है। इस वजह से वह इंदौर संभाग पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे थे। ग्रामीण क्षेत्रों में तो दूर उनके इंदौर दौरे ही काफी कम हो रहे थे।
इंदौर जिले का दौरा करने पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आए थे। उन्होंने राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश को इंदौर और आसपास के जिलों के बारे में फीडबैक दिया था। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और कृष्णमुरारी मोघे को दूसरे जिलों में भेजाा गया था।
कार्यकर्ताओं भी नहीं हो रहे उपकृत
चुनावी साल में कई ऐसे पदों पर नियुक्तियां नहीं हो पाई है, जिसकी घोषणा से कार्यकर्ता उपकृत हो सके। नगर निगम चुनाव में कई दावेदारों को इंदौर विकास प्राधिकरण बोर्ड और एल्डरमैन बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक आईडीए में राजनीतिक बोर्ड का गठन नहीं हो पाया। सिर्फ उपाध्यक्ष पद पर गोलू शुक्ला की नियुक्ती हुई है। नगर निगम में जोनल अध्यक्ष और एल्डरमैन भी नियुक्त नहीं हो सके,जबकि संगठन के कार्यकर्ता लंबे समय से घोषण का इंतजार कर रहे है।