उमेश पाल हत्याकांड: अतीक के गुर्गों ने किया खुलासा, शूटरों के परिवार वालों को शाइस्ता ने पहुंचाए थे पैसे
पुलिस ने मंगलवार को पुलिस कस्टडी रिमांड पर अतीक के पांचों गुर्गों से पूछताछ की। पांचों ने विस्तार से बताया कि कैसे उन्होंने षड्यंत्र और हत्याकांड से पहले गुर्गों को रुपये और मोबाइल देने की जिम्मेदारी असद ने उठा रखी थी तो बाद में शाइस्ता ने शूटरों और उसके परिवार वालों तक रुपये पहुंचाए। पुलिस ने गुर्गों से पूछताछ के लिए 50 प्रश्नों की प्रश्नावली तैयार की थी। पांचों गुर्गे तोते की तरह उत्तर बताते रहे। पांचों से दोपहर तीन बजे तक पूछताछ की गई। इसके बाद पांचों को वापस जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने मंगलवार की सुबह नौ बजे नैनी जेल से धूमनगंज के नियाज अहमद, मो. सजर, कटरा के अरशद, अतीक के नौकर राकेश उर्फ लाला और कैश अहमद को कस्टडी रिमांड पर लिया। कोर्ट ने पुलिस को पांचों से पूछताछ के लिए छह घंटे की कस्टडी रिमांड मंजूर की थी। पुलिस पूछताछ के लिए 50 प्रश्नों की प्रश्नावली तैयार की थी। नियाज अहमद, सजर और अरशद ने उमेश पाल की हत्या के लिए रेकी की थी। नियाज ने बताया कि असद ने उससे 12 फरवरी को संपर्क किया था।
अपने फोन से अतीक की नियाज से बात भी कराई गई थी। नियाज ने अगले दिन से ही उमेश की रेकी शुरू कर दी थी। उमेश जहां भी जाता, नियाज पीछे पीछे चल पड़ता। उमेश की गतिविधियों की पूरी जानकारी नियाज असद को देने लगा। उमेश के पड़ोसी मो. सजर ने बताया कि उसने भी 13 फरवरी से ही उमेश के लिए रेकी शुरू कर दी थी। उमेश कितने बजे घर से निकला।
कौन कौन उसके साथ है। सब बातें वह इंटरनेट फोन से असद तथा अन्य गुर्गों को बताता रहा। सजर को असद ने आईफोन दिया था। उस पर पहले से ही नंबर फीड थे। उन्हीं नंबरों पर सजर जानकारी साझा करता था। सजर ने बताया कि उसे आईफोन दिया गया था लेकिन फोन इंटरनेट से फोन करने के अलावा वह और कोई फंक्शन नहीं जानता था। अरशद ने भी बताया कि उसकी जिम्मेदारी कचहरी के आस पास की गतिविधियों की जानकारी देनी थी।
इस दौरान जितनी बार उमेश कचहरी गया। वहां की पूरी जानकारी असद को देता रहा। अतीक के नौकरों कैश अहमद और राकेश उर्फ लाला ने बताया कि हत्याकांड के बाद सभी शूटर चकिया वापस आए थे। शाइस्ता ने सभी को पैसे दिए। शूटरों के जाने के बाद शाइस्ता ने अपने अन्य नौकरों के माध्यम से शूटरों के घर वालों को भी पैसे भिजवाए थे। तीन बजे तक उनसे पूछताछ की गई। इसके बाद पांचों आरोपियों को वापस नैनी जेल भेज दिया गया।