मध्य प्रदेश

GCCI की भोपाल बैठक सम्पन्न – जयपुर गौटेक को लेकर बनी रणनीति, गौ आधारित मॉडल को मिलेगा विस्तार

भोपाल। ग्लोबल कन्फेडरेशन ऑफ काउ-बेस्ड इंडस्ट्रीज (GCCI) मध्यप्रदेश की प्रादेशिक बैठक भोपाल स्थित एलएनसीटी यूनिवर्सिटी में सम्पन्न हुई। बैठक में गौटेक 2025 जयपुर के लिए प्रदेश से बड़ी भागीदारी सुनिश्चित करने, जिला-तहसील स्तर पर संगठन विस्तार और गौ आधारित मॉडल को बढ़ावा देने हेतु रणनीति तैयार की गई।
बैठक के मुख्य अतिथि और पूर्व केंद्रीय मंत्री, जीसीसीआई राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वल्लभ भाई कथीरिया ने कहा कि गौ आधारित उद्योग भारत को आत्मनिर्भर बना सकते हैं। जीसीसीआई द्वारा दिनांक 30-31 मई और 1-2 जून को जयपुर में आयोजित गौटेक 2025 सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि गौ क्रांति का महायज्ञ है। साथ ही आयोजन में वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, उद्यमियों और गौसेवकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष, GCCI मध्यप्रदेश श्री दिलीप धनराज गुप्ता ने कहा कि जीसीसीआई का उद्देश्य हर जिले और तहसील तक संगठन का विस्तार कर, प्रदेश के युवाओं और किसानों को गौ आधारित स्टार्टअप्स से जोड़ना है। हमारा लक्ष्य है — ‘गांव-गौ-गौरव’ को फिर से स्थापित करना।
प्रदेश संरक्षक, GCCI स्वामी श्री श्री कृष्णानन्द जी महाराज ने कहा कि गौ सेवा केवल धार्मिक कार्य नहीं, यह आध्यात्मिक, सामाजिक और वैज्ञानिक समाधान है। हमें भारत की सनातन परंपरा को विज्ञान और तकनीक के साथ जोड़ना होगा।
राष्ट्रीय गौसेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष पवन दुबे ने कहा कि मध्यप्रदेश में गौ संवर्धन को जनआंदोलन बनाना है। गाँव-गाँव तक युवाओं को प्रशिक्षित कर, उन्हें गौ आधारित रोजगार से जोड़ने का कार्य तेज़ किया जाएगा।
बैठक में डॉ. योगेन्द्र कुमार सक्सेना (वैज्ञानिक, सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड), जिन्होंने गो-काष्ठ आंदोलन की शुरुआत की, ने बताया कि इस प्रयास से अब तक 5.10 लाख क्विंटल लकड़ी और 3400 एकड़ वन क्षेत्र को बचाया जा सका है। गो-काष्ठ का उपयोग अब शवदाह, होलिका दहन, होटल तंदूर और औद्योगिक बॉयलरों में लकड़ी के विकल्प के रूप में हो रहा है।
जीसीसीआई के मध्य प्रदेश मीडिया संयोजक श्री भागीरथ तिवारी ने प्रेस नोट के माध्यम से बताया कि जीसीसीआई मध्य प्रदेश की बैठक में जो निर्णय लिए गए है वो इस प्रकार है- गौटेक 2025 – जयपुर में मध्यप्रदेश से अधिकतम सहभागिता का लक्ष्य, जिला और तहसील स्तर पर GCCI इकाइयों का गठन, हर जिले में 5 मॉडल गौशालाओं का निर्माण, प्रत्येक संभाग में प्रादेशिक बैठक आयोजित करना, युवाओं को गौ संवर्धन व गौ आधारित उद्योगों से जोड़ना। मध्य प्रदेश शासन द्वारा गोशाला की अनुदान राशि 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये करने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं पशुपालन मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
एलएनसीटी यूनिवर्सिटी के सचिव डॉ. अनुपम चौकसे एवं कुलपति श्री नरेंद्र थापक ने बैठक में पधारे राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वल्लभ भाई कथीरिया का पौधा भेंट और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया।
प्रादेशिक बैठक में मुख्य रूप से श्री जवाहरलाल गुप्ता, शैलेश पालीवाल (इंदौर), सुमनलता ताम्रकर, अजय नरेलिया (शाजापुर), गंभीर सिंह राजपूत (नर्मदापुरम), राजेश चौहान (झाबुआ), राम रघुवंशी (अशोकनगर), राजवीर सिंह (मुरैना), मनोज प्रताप सिंह (सतना), ईश्वर अंबोदिया (उज्जैन), भगवान सिंह सिंगोरिया (रायसेन), शिशिर विश्वकर्मा (छिंदवाड़ा), भागीरथ तिवारी (नरसिंहपुर), ए.एल. द्विवेदी (भोपाल), हुकुम सिंह पाटीदार (नीलबड़), दीपाली उपाध्याय, अजय सोनी (भोपाल) सहित प्रदेश भर से गौसेवा संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। बैठक का संचालन शैलेंद्र तेनगरिया ने किया और आभार पवन दुबे ने व्यक्त किया।

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