खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को गिरफ्तार करने के बाद पंजाब सरकार उसके मददगारों की तलाश में जुट गई है। सूत्रों ने दावा किया है कि फरारी के दौरान अमृतपाल ने जिन लोगों के पास पनाह ली थी, उन लोगों की पहचान की जा रही है। मोगा के रोडे गांव में सोमवार को कुछ लोगों से पूछताछ भी की गई। इस संबंध में अमृतपाल से पूछताछ के लिए पंजाब पुलिस की एक विशेष टीम डिब्रूगढ़ जाएगी।
वहीं, पंजाब पुलिस ने अमृतपाल से संबंधित केस की एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है, जिसमें कट्टरपंथी के विदेशी मददगारों के नामों का खुलासा किया गया है। पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अमृतपाल 36 दिन तक गिरफ्तारी से बचता रहा। इसका मतलब है कि कहीं न कहीं उसे मदद मिलती रही। अब पुलिस का फोकस इन्हीं लोगों पर है। कुछ से पूछताछ हो चुकी है। कुछ संदिग्धों की तलाश जारी है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पंजाब में अशांति फैलाने की साजिश सरहद पार रची गई। जर्मनी, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में बैठे खालिस्तान समर्थकों ने अमृतपाल को मदद पहुंचाई। अमृतपाल के फरार होने के बाद भी विदेश में बैठे लोग उसकी मदद करते रहे। केंद्र को भेजी रिपोर्ट में अमृतपाल की आनंदपुर खालसा फोर्स, फंडिंग वाले खातों की जानकारी और अमृतपाल के काफिले में शामिल गाड़ियों के मालिकों के नाम शामिल किए गए हैं।