अतीक की कब्जाई संपत्ति वापसी के लिए आयोग गठन की तैयारी, पीड़ितों में जागी न्याय की उम्मीद
प्रयागराज में बीते चार दशक से माफिया अतीक-अशरफ से पीड़ित लोगों में अब न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। दोनों की मौत के बाद तमाम पीड़ित पुलिस से संपर्क साध रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार अतीक के कब्जे से लोगों की जमीन और मकान वापस दिलाने के लिए जल्द ही आयोग का गठन कर सकती है।
दरअसल, अतीक-अशरफ ने प्रयागराज में बड़ी संख्या में लोगों की जमीनें कब्जा कर लीं या फिर मामूली रकम देकर अपने नाम करा लीं। अब दोनों की मौत के बाद ऐसे तमाम लोग पुलिस के पास चक्कर काट रहे हैं। इस संबंध में शासन स्तर पर हुई बैठक में अधिकारी रूपरेखा तैयार
कर रहे हैं, कि किस तरह पीड़ितों को कानूनी तरीके से उनकी संपत्तियों को वापस कराया जा सके।
सियासी मकसद पूरा करने को बदल रहा था डेमोग्राफी
जांच में पता चला कि चुनाव में हार के बाद अतीक और अशरफ की प्रयागराज की सियासत में पकड़ कमजोर हो रही थी। अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए दोनों ने इलाके की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) बदलने की साजिश रची। तमाम जमीनों पर कब्जा करके या कम दामों पर खरीदकर उसे मुस्लिमों को बेचने लगे थे।
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- इन जमीनों को बाजार दर से कम दामों पर बेचा जाता था ताकि खरीदार और उसका परिवार उनका वोटर बन जाए। अतीक इसी मकसद से अपनी पत्नी शाइस्ता को राजनीति में लाना चाह रहा था। वहीं शूटर गुलाम को भी चुनाव लड़वाना चाहता था ताकि वह असद को भी राजनीति में लाने में मदद करे।
मुंबई में भी संपत्तियां
अतीक ने दिल्ली व नोएडा में भी कई बेशकीमती संपत्तियां खरीदी थीं। दिल्ली के राजौरी गार्डन निवासी रोम्पी भाटिया, शाहीनबाग निवासी शफीकुरहमान, नूर नगर में डेयरी मालिक, जाकिरबाग निवासी अफरोज शारिक, समीर के साथ पार्टनरशिप में उसने दिल्ली और नोएडा में कई बेनामी संपत्तियां खरीदी थीं। इसके अलावा एसटीएफ को मुंबई में भी अतीक की कुछ संपत्तियों का पता चला है। ये संपत्तियां उसने अंतरराष्ट्रीय माफिया डान अबू सलेम की मदद से ली थी। इसके अलावा प्रयागराज में एक होटल में भी उसकी पार्टनरशिप थी।
माफिया की अरबों की काली कमाई डूबने की आशंका
अतीक अहमद की हत्या के बाद उसका रियल एस्टेट का कारोबार डूब सकता है। महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा से लेकर यूपी तक रियल एस्टेट के क्षेत्र में माफिया का बड़ा साम्राज्य फैले होने की बात कही जा रही है। इसमें माफिया की अरबों की काली कमाई लगी हुई है।
अब आशंका है कि अतीक की हत्या और उसके परिवार के बिखराव का फायदा साझीदार रियल एस्टेट कारोबारी उठा सकते हैं। इनमें से अतीक के कुछ बिजनेस पार्टनरों को एसटीएफ और ईडी ने चिह्नित किया है, लेकिन अतीक की हिस्सेदारी का राज खुलने पर संशय के बादल छा गए हैं।
अतीक ने अपनी काली कमाई का बड़ा हिस्सा रियल एस्टेट के कारोबार में लगा रखा था। इसमें दो दर्जन से अधिक फर्में उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, सालों के अलावा करीबियों के नाम से हैं। जबकि, शहर के कई नामचीन बिल्डरों और कारोबारी समूहों के साथ भी इस धंधे में अतीक साझीदार रहा है।