उत्तर प्रदेशराज्य

UP Nikay Chunav 2023: टिकट के लिए लखनऊ से दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे दावेदार, भाजपा में सबसे ज्यादा घमासान

आचार संहिता लगते ही चुनावी माहौल लगातार गर्माता जा रहा है। टिकट के लिए दावेदारों ने भी भागदौड़ तेज कर दी है। पार्टी जिला मुख्यालय से लेकर हाईकमान तक दबाव बनाने के लिए जोड़तोड़ की जा रही है। इसके लिए राजनीतिक और जातिगत समीकरणों को अपने हिसाब से पेश किया जा रहा है।

निकाय चुनाव को लेकर जिले में दिसंबर 2022 से हलचल मची है लेकिन दो दिन पहले आचार संहिता लगने के बाद इसमें और तेजी आई। बदायूं नगर पालिका सीट महिला के लिए आरक्षित है, इस सीट पर काबिज होने के लिए कई चेहरे चुनाव मैदान में आने को तैयार हैं। टिकट के लिए सबसे ज्यादा घमासान भाजपा में है।

भाजपा से टिकट के दावेदारों में सबसे ज्यादा वैश्य और ब्राह्मण वर्ग के लोग हैं। इनमें मौजूदा और पूर्व विधायक की पत्नी व पुत्रवधू, मौजूदा व पूर्व जिलाध्यक्ष की पत्नी व बेटी भी शामिल हैं। कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो 10 साल से जनता के बीच रहकर पार्टी के लिए निष्ठा से काम कर रहे हैं। हर कोई अपने परिवार के रसूख और बड़े नेताओं से संपर्कों के सहारे टिकट की जुगत में है।

इधर, कांग्रेस से अब तक सिर्फ एक ही नाम सामने आया है। बसपा से भी करीब पांच महिलाओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। सपा से एक पूर्व विधायक की पत्नी समेत करीब आधा दर्जन दावेदार हैं। हालांकि सपा से किसी मुस्लिम महिला के ही चुनाव मैदान में आने की बात कही जा रही है। कुछ दावेदार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सीधे संपर्क में है। हालांकि उन्होंने अपना आवेदन जिला स्तर पर भी दिया है लेकिन सपा से टिकट किसको मिलेगा, यह हाईकमान ही तय करेगा।

ये हैं जातिगत आंकड़े

ब्राह्मण- 9500
क्षत्रिय- 4500

वैश्य- 14000
कायस्थ- 6500

पंजाबी- 2700
साहू- 6000

मौर्य- 5000
प्रजापति- 2500

यादव- 2000
पाली- 1000

कश्यप- 5000
कुर्मी- 2500

स्वर्णकार- 1200
लोधी- 1000

पटवा- 500
जाटव- 4500

धोबी- 2000
बाल्मीकि- 3000

ईसाई- 500
मुस्लिम- 45000

सत्ताधारी दल में सर्वाधिक दावेदार

उधर, बरेली में नगर निगम चुनाव को लेकर भले ही किसी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन सरगर्मी बढ़ने लगी है। टिकट के तलबगार लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं। वह शीर्ष नेताओं की परिक्रमा करने के साथ ही अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं। दिल्ली में भी सिफारिशें लगवाई जा रही हैं। चुनाव की तिथियां घोषित होने के बाद दावेदारों की बैचेनी बढ़ गई है। सत्ताधारी दल में सर्वाधिक दावेदार हैं। यहां मेयर सीट पर ही निवर्तमान मेयर, पूर्व विधायक व महानगर अध्यक्ष समेत 35 आवेदन हुए हैं।

दावेदार अपनी उपलब्धियों को गिना रहे हैं। संगठन में किन-किन पदों पर काम किया और कब कहां रहे, इसका पूरा ब्योरा नेतृत्व को दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर अपने फॉलोवर्स को भी गिना रहे हैं। सपा में मेयर पद के लिए सात आवेदन हुए हैं। इसमें विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी रहे राजेश अग्रवाल व फरीदपुर के पूर्व विधायक वियज पाल सिंह के नाम भी शामिल हैं।

डाॅ. आईएस तोमर का नाम भी सर्वाधिक चर्चा

सभी अपने-अपने अनुभव के आधार पर टिकट मांग रहे हैं। वहीं, पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन और डाॅ. आईएस तोमर का नाम भी सर्वाधिक चर्चा में है। जिला संगठन के कई नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व को यही नाम सुझाए हैं। हालांकि इन दोनों नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन नहीं किया है। कांग्रेस में केबी त्रिपाठी समेत आठ लोगों ने आवेदन किए हैं। महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला के मुताबिक सभी नाम और उनकी रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को भेज दी गई है। जल्द ही प्रत्याशी की घोषणा कर दी जाएगी। बसपा ने दावेदारों के नाम नहीं खोले हैं। हालांकि यह साफ कर दिया है कि पार्टी इस बार मुस्लिम प्रत्याशी पर ही दांव लगाएगी।

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