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अदाणी मामले पर राहुल गांधी-शरद पवार के अलग-अलग विचार विपक्षी एकता में फूट का उदाहरण नहीं

अदाणी मामले पर शरद पवार द्वारा दिए गए बयान के बाद अटकलें लगाई जा रहीं कि विपक्ष में फूट पड़ गई है। लोगों का कहना है कि एक ही मुद्दे पर पार्टी के नेताओं की अलग- अलग राय होना आपसी मतभेद है। हालांकि अब राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इस मामले को लेकर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी के दो नेता अपना अपना विचार रख रहें है तो यह विपक्ष में फूट पड़ने का उदाहरण नहीं है। सभी को अपनी बात कहने की अनुमति है।

राजनीतिक दलों में मतभेद होना आम

कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि शरद पवार और राहुल गांधी का अलग-अलग विचार रखना विपक्ष में फूट का उदाहरण नहीं है। वे दोनों दुनिया के सामने अपने विचार रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि नेताओं को अलग-अलग विचार रखने की अनुमति देनी चाहिए। एक ही मुद्दे पर कई विचार होना फूट का उदाहरण नहीं होना चाहिए। इससे नेताओं की एकता नहीं आंकनी चाहिए। राजनीतिक दलों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन व्यापक दृष्टिकोण से आम सहमति की संभावना बहुत अधिक है।

मतभेद रखना जरूरी

पिछले साल कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि आप मुद्दों पर अपने विचार नहीं रखने देंगे तो राजनीतिक दलों में मतभेद हो सकता है।

यह है मामला

गौरतलब है, शरद पवार ने हाल ही में अदाणी मुद्दे पर बयान दिया था कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जांच की घोषणा के बाद अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की अदाणी ग्रुप के खिलाफ आरोपों की जेपीसी जांच का कोई महत्व नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को इतना महत्व नहीं दिया जाना था, जितना दिया जा रहा है। इसके बाद से ही विपक्ष पार्टी की एकता पर सवाल उठाए जाने लगे।

मामले को लक्षित किया गया

उन्होंने कहा था कि हमने हिंडनबर्ग के बारे में कभी नहीं सुना था। जब वे ऐसे मुद्दे उठाते हैं जो हंगामा पैदा करते हैं। देश की लागत देश की अर्थव्यवस्था से वहन की जाती है। हम इन चीजों की अवहेलना नहीं कर सकते। लगता है कि इसे जानबूझकर लक्षित किया गया था।

कांग्रेस से अलग विचार

एनसीपी नेता पवार ने आगे कहा अगर किसी को ऐसा लगता है कि किसी एक व्यक्ति ने गलत किया है तो उसकी एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि देश के किसी पूंजीपति को सीधे टार्गेट किया जाए। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस की इस मांग का समर्थन नहीं करते हैं और इस मामले पर हमारे विचार कांग्रेस से अलग हैं।

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