हरियाणा में गोशालाएं स्थापित करने की इच्छुक संस्थाएं पंचायती जमीन को 20 साल के लिए पट्टे पर ले सकेंगी। इसमें गौशाला के साथ बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना भी हो सकती है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने पंजाब गांव सांझा भूमि नियम में संशोधन किया है। गौशालाओं में पट्टा धारक को कुल पशु जनसंख्या का कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशुओं को पट्टा अवधि के दौरान गौशाला में रखना होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब ग्राम पंचायत को अपनी भूमि आवंटन के माध्यम से 20 वर्ष तक की अवधि के लिए कम से कम प्रति वर्ष 5100 रुपये प्रति एकड़ की दर से पट्टे पर देने की अनुमति होगी। यह राशि पहले एक हजार रुपये थी।
उन्होंने बताया कि पंचायत प्रस्ताव पास करेगी और एक एकड़ से कम करीब पौन एकड़ भूमि गोशाला के शेड के लिए तथा बाकी भूमि पशु चिकित्सा, पंचगव्य उत्पाद से पशुओं से संबंधित अन्य रख रखाव के लिए होगी। जितनी बड़ी गोशाला होगी उसी हिसाब से प्रावधान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांचने के लिए क्वालिटी एश्योरेंस अथारिटी का भी गठन किया गया है। वैसे तो यह संबंधित विभाग का काम होता है, लेकिन यह अथारिटी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता चेक करेगी और कमी पाए जाने पर सरकार को जानकारी देगी। इस जानकारी केहिसाब से ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी।