पंजाबराज्य

क्रांति और धर्म की बातें करने वाले अमृतपाल की खुली पोल

वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल को विदेश से मिले फंड की जांच करते हुए सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों को कई हैरानीजनक तथ्य मिले हैं। अमृतपाल के इंस्टाग्राम व स्नैपचैट के अकाउंट से मिली चैट से पता चला है कि वह महिलाओं से अश्लील बातचीत किया करता था।

एजेसियों को उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स से कुछ ऐसी क्लिप मिली हैं, जिससे साबित होता है कि अमृतपाल कुछ महिलाओं को उनके वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करता था।

अपने भाषणों में खालिस्तान बना कर क्रांति लाने और धार्मिक बातें करने वाले अमृतपाल का असली चेहरा सामने आ गया है। वह सार्वजनिक जीवन और सोशल मीडिया पर दोहरी जिंदगी जी रहा था।

अपनी चैट में उसने यह भी स्वीकार किया है कि कनाडा की एक लड़की भी उसके रिलेशन में है। पुलिस 28 ऐसे अकाउंट्स की जांच कर रही है, जिनसे अमृतपाल को फंडिंग हो रही थी।

आठ जिलों के 3200 पुलिसकर्मी, 1400 जवान, 50 नाके
वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह आखिरकार पंजाब से बाहर भागने में कामयाब हो गया। वह आठ जिलों की पुलिस पर भारी पड़ा। हरियाणा में अमृतपाल को पनाह देने वाली महिला की गिरफ्तारी के बाद साफ हो गया है कि वह 19 मार्च को ही पंजाब छोड़ हरियाणा में प्रवेश कर गया था, जबकि पुलिस पंजाब के गांवों में ही खाक छानती रही।

जिस दिन वह भागा, उस दिन जालंधर में आठ जिलों के 3200 पुलिसकर्मी व अधिकारी, दो केंद्रीय कपंनियों के 1400 जवान तैनात थे। 50 नाकों पर चेकिंग की जा रही थी, लेकिन पुलिस उसे नहीं पकड़ पाई। वह एक के बाद एक कई गाड़ियां बदल कर पुलिस को चकमा देता रहा।

जिन इलाकों में पुलिस उसे तलाश रही थी, वहां से वह आराम से बाइक पर सवार होकर जालंधर के सबसे आखिरी इलाके में पहुंचा और बाद में दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे से हरियाणा निकल गया। इससे पंजाब पुलिस और उसके खुफिया तंत्र पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। केंद्र और पंजाब सरकार की 22 दिन की योजना पर पुलिस ने पानी फेर दिया।

18 मार्च को काफिला लेकर अमृतपाल सिंह मुक्तसर साहब जा रहा था, तो कमालके पुलिस चौकी के पास भारी भरकम पुलिस फोर्स देखकर उसने तत्काल मर्सिडीज गाड़ी छोड़ी और ब्रीजा गाड़ी में सवार होकर रॉन्ग साइड से निकल गया। तब करीब सुबह 11.40 के आसपास का समय था। अमृतपाल व उसका साथी पपलप्रीत ब्रीजा में सवार होकर नंगल अंबियां पहुंचे, जहां से गुरुद्वारा साहिब में खाना खाया और अमृतपाल सिंह ने अपना हुलिया बदल लिया।

पुलिस की गाड़ियां लिंक रोड व महितपुर, शाहकोट, धर्मकोट, नकोदर, नूरमहल, बिलगा इलाके में उसकी तलाश कर रहीं थीं। केंद्रीय सुरक्षा बलों के अलावा खुफिया एजेंसी से लेकर काउंटर इंटेलीजेंंस की टीम भी सड़क पर थीं। जालंधर के पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल, डीआईजी जालंधर रेंज स्वप्न शर्मा खुद पूरे ऑपरेशन को देख रहे थे।

12 बजे तक पुलिस को साफ हो गया था कि अमृतपाल भाग गया है, लेकिन वह नंगल अंबियां गांव में मौजूद था। 18 मार्च को ही वह बाइक पर गुलाबी पगड़ी पहनकर नंगल अंबियां से पपलप्रीत सिंह के साथ निकला था। इसके बाद गांव इस्माइलपुर से होकर महिसमपुर से होते हुए बाइक से करीब 45 किलोमीटर दूर दारापुर (बिलगा) तक पहुंचा।

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