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दिल्ली शराब घोटाला: ED ने तीसरे दिन बीआरएस नेता कविता से 10 घंटे की पूछताछ, एजेंसी को सौंपे पुराने फोन

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की गई। साथ ही ईडी ने कविता से उनके मोबाइल फोन भी जमा करा लिए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तीसरा बार कविता को तलब किया था।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) की बेटी कविता अपने पिता के नई दिल्ली में तुगलक रोड स्थित आधिकारिक आवास से सुबह करीब 11:30 बजे मध्य दिल्ली में ईडी कार्यालय पहुंचीं और रात 9:40 बजे के बाद रवाना हुईं। ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले कविता ने पारदर्शी कवर में रखे कुछ मोबाइल फोन को फ्लैश किया और कहा कि वह इन्हें ईडी को सौंपने जा रही हैं। ईडी ने फोन को रिकॉर्ड में ले लिया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि फोन से सभी डाटा को डिलीट कर दिया गया है।

इससे पहले, सोमवार को भी ईडी ने के कविता से करीब 10 घंटे पूछताछ की थी। ईडी आज भी के कविता से दिल्ली शराब घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर पूछताछ करेगी। बता दें कि के कविता अपने पुराने फोन लेकर ईडी ऑफिस पहुंची हैं। के कविता ने ईडी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बताया कि लगातार और कई बार ईडी के सामने पेश होने और पूछताछ में सहयोग के बावजूद, मैं आज अपने पुराने फोन भी ईडी के सामने पेश कर रही हूं, जैसी कि मांग की गई थी।

के कविता से ईडी क्यों कर रही पूछताछ
दिल्ली शराब नीति घोटाले में दक्षिण के एक गिरोह की संलिप्तता सामने आई है। जिसके बाद दक्षिण के कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में गिरफ्तार पी. शरद चंद्र रेड्डी और गुरुग्राम के बिजनेसमेन अमित अरोरा की जान पहचान के कविता के साथ पाई गई है। साथ ही हैदराबाद के बिजनेसमेन अरुण रामचंद्रन पिल्लई से भी पूछताछ में के कविता का नाम सामने आया है।

ईडी का दावा है कि पिल्लई के. कविता का ही प्रतिनिधि है और के कविता के ही इशारे पर काम कर रहा था। यही वजह है कि ईडी ने के कविता से पूछताछ का फैसला किया है। रामचंद्र पिल्लई को दिल्ली शराब नीति का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है।

दिल्ली एक्साइज नीति को लागू कराने में के कविता के पूर्व सीए बुचीबाबू गोरांतला की भी भूमिका सामने आई है। बुचीबाबू गोरांतला को भी सीबीआई द्वारा इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। ऐसे भी आरोप हैं कि दक्षिण के जिस गिरोह के ईर्द-गिर्द दिल्ली शराब घोटाला घूम रहा है, उसके पीछे के कविता का ही हाथ बताया जा रहा है।

क्या है दिल्ली शराब नीति घोटाला
आरोप है कि दिल्ली सरकार ने साल 2021-22 में नई एक्साइज नीति से गिरोह नीति को बढ़ावा दिया और चुने हुए ट्रेडर्स को लाइसेंस दिए गए। इसके बदले आप नेताओं और अधिकारियों को करीब 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई। हालांकि बाद में दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस शराब नीति को खत्म कर दिया और इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी। ईडी ने भी पीएमएलए कानून के तहत मामला दर्ज किया था।

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