खुफिया रिपोर्ट में नया खुलासा, मानव बम की भर्ती के लिए अमृतपाल ने किया नशामुक्ति केंद्रों
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अमृतपाल सिंह हथियार जमा करने और युवाओं को आत्मघाती हमले के लिए तैयार कर रहा था। इसके लिए अमृतपाल सिंह एक धार्मिक स्थल और नशा मुक्ति केंद्रों का इस्तेमाल कर रहा था।
खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने रविवार को यह जानकारी साझा की। विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के साथ तैयार किए गए एक डोजियर में दावा है कि अमृतपाल सिंह, पिछले साल दुबई से कथित तौर पर पाकिस्तान के आईएसआई और विदेशों में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों के इशारे पर भारत आया।
दावा किया गया है कि यहां आने के बाद अमृतपाल सिंह युवाओं को ‘खाड़कू’ या मानव बम बनाने के लिए तैयार करने में मुख्य रूप से शामिल था। वह युवाओं का ब्रेनवॉश करने में लगा था।
जानकारी मिली है कि नशामुक्ति केंद्रों में भर्ती होने वाले युवकों को बहला-फुसलाकर ‘बंदूक संस्कृति’ की तरफ धकेला जाता था। अधिकारियों ने कहा कि मारे गए आतंकवादी दिलावर सिंह का रास्ता चुनने के लिए उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा था, दिलावर सिंह ने मानव बम के रूप में काम किया और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी।
आनंदपुर खालसा फोर्स बनाने की तैयारी में था अमृतपाल
उधर, खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ कनेक्शन सामने आया है। पुलिस का दावा है कि अमृतपाल आईएसआई की मदद से आनंदपुर खालसा फोर्स बनाने की तैयारी में था।
अमृतपाल को विदेशी फंडिंग होने का भी शक
अमृतपाल के घर व साथियों से बरामद हथियारों पर एकेएफ (आनंदपुर खालसा फोर्स) लिखा मिला है। साजिश के तहत धर्म के नाम पर नफरत फैलाकर पंजाब में माहौल बिगाड़ा जा रहा था। उसे विदेशी फंडिंग होने का भी शक है। जालंधर रेंज के डीआईजी स्वप्न शर्मा ने अमृतपाल के संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से होने की पुष्टि की है।
दुबई में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में आया था अमृतपाल
डीआईजी स्वप्न शर्मा ने बताया कि जिस मर्सिडीज गाड़ी में अमृतपाल घूमता था, वह पुलिस एनकाउंटर में मारे गए नशा तस्कर रणदीप के भाई की है। गाड़ी के बारे में पूरी जांच की जा रही है। इस गाड़ी के लिए पैसा कहां से आया और उससे अमृतपाल के क्या संबंध है? उधर, काउंटर इटेंलिजेंस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबकि अमृतपाल सिंह दुबई में ट्रक ड्राइवर के रूप में काम करता था। वह दुबई में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में आया। अमृतपाल को धर्म के नाम पर भोले-भाले युवाओं को फंसाने के लिए कहा गया है। इसके लिए पैसा आईएसआई देगी।