Indore News : इंदौर में चार कोच वाली लाइट मेट्रो दौड़ेगी, लंबाई 150 मीटर होगी
इंदौर में अगस्त माह में मेेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन होगा और बड़ौदा में कोच तैयार होने लगे है। इंदौर मेें चार कोच वाली लाइट मेट्रो चलेगी। जिसकी लंबाई 150 मीटर रहेगी। इस ट्रेन में 250 से ज्यादा यात्री बैठ सकेंगे। फिलहाल दो मेट्रो ट्रेन चलेगी, भविष्य में आवश्यकता के हिसाब से इनकी संख्या बढाई जाएगी। गांधी नगर में तैयार हो रहे स्टेशन की क्षमता 27 मेट्रो ट्रेन की रखी गई है।
पटरियों का निर्माण जिंदल स्टील कंपनी कर रही है और बड़ौदा में हो रहे कोच निर्माण को देखते जल्दी ही इंदौर के अफसर जाने वाले हैै। कोच की सप्लाई फरवरी अंत तक होगी। उसके बाद तकनीकी काम पांच माह में पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें पटरियों के अलावा सिग्नल भी लगाए जाएंगे।
हर स्टेशन पर सेंसर भी लगेंगे, इससे मेट्रो ट्रेन के भीतर बैठे यात्रियों को स्टेशन की जानकारी मिल सकेगी। स्टेशन का काम गांधी नगर में हो रहा है। यहां एक प्लेटफार्म भी तैयार हो रहा है। जिसमे माध्यम से मेट्रो ट्रेन ट्रेक पर आएगी। अगले सप्ताह से पटरियां भी आना शुरू हो जाएगी। उसे ट्रेक पर बिछाने का काम मार्च के पहले सप्ताह से शुरू हो सकता है। सितंबर तक सरकार ने ट्रायल रन की समयसीमा तय की है।
ट्रायल रन छह किलोमीटर वाले हिस्से में होगा
इस साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। उससे पहले सरकार भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन चलाना चाहती है। सितंबर मेें ट्रायल रन छह किलोमीटर वाले हिस्से में होगा। अफसर उसके निर्माण पर ही जोर दे रहे है। मेट्रो ट्रेन कार्पेरेशन के एमडी मनीष सिंह के अनुसार समयसीमा मेें काम पूरा हो, इसलिए रात में भी काम चल रहा है। निर्माण एजेसियों ने भी वर्कफोर्स में वृदि्ध की है। अभी 17 किलोमीटर के हिस्से में पिलर निर्माण और उन पर सेगमेट जोड़ने का काम जारी है।
इंदौर में पहले चरण में 31 किलोमीटर के ट्रेक में एयरपोर्ट से सुपर कारिडोर, भंवरासला, सुखलिया ग्राम चौराहा, रेडिसन चौराहा, खजराना, पलासिया और एमजी रोड का हिस्सा शामिल है। अभी 17 किलोमीटर हिस्से में ही काम चल रहा है। निर्माण पूर्ण करने की प्राथमिकता एयरपोर्ट से रेडिसन चौराहे वाले हिस्से में दी जा रही है। इस हिस्से में निर्माण पूरा होने के बाद मध्य हिस्से में काम शुरू होगा। इसके लिए अफसरों ने सर्वे शुरू कर दिया हैै। प्रवासी सम्मेलन के कारण मेट्रो प्रोजेक्ट का काम कुछ हिस्सों मेें रुका था, लेकिन अब काम ने फिर तेजी पकड़ ली है।