भारतीय नौसेना में शामिल हुई ‘सैंड शार्क’, INS वगीर से बढ़ी समुद्र में भारत की ताकत
मुंबई के नेवल डॉकयार्ड पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूदगी में आईएनएस वागीर को नौसेना में कमीशन किया गया।
आईएनएस वागीर को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है। प्रोजेक्ट 75 के तहत कलवारी क्लास की यह पांचवी सबमरीन है, जिसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। मुंबई के नेवल डॉकयार्ड पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूदगी में आईएनएस वागीर को नौसेना में कमीशन किया गया।
आईएनएस वागीर पूरी तरह से भारत में बनी है। इसे फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप के साथ मिलकर मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है। इस सबमरीन की खासियत ये है कि इस सबमरीन को एंटी सबमरीन युद्ध, खूफिया सूचना जुटाने, समुद्र में बारूदी सुरंग बिछाने और सर्विलांस के काम में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस सबमरीन को समुद्र के तट पर और मध्य समुद्र दोनों जगह तैनात किया जा सकता है। इस सबमरीन के ट्रायल हो चुके हैं।
समुद्र में अपने शौर्य की धाक जमाने वाली भारतीय नौसेना (Indian Navy) की ताकत में और इजाफा होने जा रहा है। 23 जनवरी 2023 को भारतीय नौसेना में पांचवीं कलवारी (स्कॉर्पीन) क्लास की सबमरीन वागीर (Vagir) को कमीशन किया जाएगा। वागीर के कमीशन समारोह के मुख्य अतिथि नौसेना प्रमुख (CNS) एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari Kumar) होंगे। कलवरी श्रेणी की चार पनडुब्बियों को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है। इन पनडुब्बियों का निर्माण भारत में मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) मुंबई द्वारा किया जा रहा है।
पनडुब्बी वागीर का निर्माण प्रोजेक्ट-75 के तहत किया गया है। प्रोजेक्ट-75 में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण शामिल है। भारतीय नौसेना के क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रयासों पर चिंताओं की पृष्ठभूमि में भारत हिंद महासागर पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में किया जा रहा है।