केवल महिला सैनिकों से बना भारत का सबसे बड़ा सैन्य दस्ता संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत सूडान के हिंसाग्रस्त नगर अबयेई में तैनात किया गया है। दुनिया के बेहद अशांत क्षेत्र में यह तैनाती हुई है। हिंसक समूहों के 200 लोगों ने चार जनवरी को ही एक गांव में हमला कर 13 लोगों की हत्या कर दी थी। यूएन में भारत के स्थायी मिशन के अनुसार भारतीय दस्ता शनिवार को अबयेई पहुंचा। इनमें दो सैन्य अधिकारी और अन्य रैंक की 25 सैनिक शामिल हैं।
भारतीय सेना ने बताया कि यूएन के अंतरिम सुरक्षा दल के तहत यह सैनिक कड़ी चुनौती भरे हालात में सुरक्षा संभालेंगी। खासतौर पर उन लोगों के बीच जा कर काम करेंगी जो बीते काफी समय से हिंसा से गुजर रहे हैं। इन हिंसा पीड़ितों में महिलाएं और बच्चे ज्यादा हैं। तैनाती के लिए छह जनवरी को इन सैनिकों के भारत से प्रस्थान पर गर्व जताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नारी शक्ति के यूएन शांति मिशन में शामिल होने पर बेहद खुशी हो रही है।
कड़ी चुनौती से भरा मिशन
यह मिशन बेहद चुनौतीपूर्ण है। अबयेई में आधुनिक हथियारों से लगातार हमले हो रहे हैं। स्थानीय समुदायों में दुश्मनी से कई कट्टरपंथी गुट बन गए हैं, जो हमले कर रहे हैं। वहीं, यूएन मिशन में शामिल भारतीय महिला सैनिकों को पूरी दुनिया में बेहद सम्मान मिलता है। उन्हें युद्धग्रस्त क्षेत्रों में महिलाओं, बच्चों और यौन हिंसा पीड़ितों से आसानी से जुड़ने व मदद पहुंचाने वाला माना जाता है।
लाइबेरिया में भी किया था महिलाओं को प्रेरित
साल 2007 में पहली बार भारत ने केवल महिला सैनिकों का सैन्य दस्ता पश्चिमी अफ्रीकी देश लाइबेरिया में तैनात किया था। यूएन में भारतीय स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने हाल में बताया था कि भारतीय महिला सैनिकों और उनके काम से लाइबेरिया की महिलाओं की एक पूरी पीढ़ी का उत्साह बढ़ा। अब स्थानीय महिलाओं ने भी अपने देश की सुरक्षा में योगदान देना शुरू कर दिया है।